सब कुछ ठीक था, बस एक थी चिंता अंदर ही अंदर खा रही थी

सब कुछ ठीक था, बस एक थी चिंता अंदर ही अंदर खा रही थी…

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कहा जाता है कि पिता नौ महीने तक बच्चे को गर्भ में नहीं रखता, लेकिन वह दिन-रात अपने भविष्य की चिंता में उलझा रहता है और इसी उलझन में कई बार उसकी तबीयत खराब हो जाती है।

फ़िलहाल ऐसा ही एक मामला राजू श्रीवास्तव को लेकर सामने आया है.हाल ही में राजू के दोस्त अहसान कुरैशी ने कहा कि राजू की बेटी अंतरा ने अपने करियर में तरक्की की है अंतरा असिस्टेंट डायरेक्टर बन चुकी हैं लेकिन उनके बेटे आयुष्मान बहुत सीधे हैं।

भले ही बेटे को हाउस लाइट बिल और स्टाफ बिल को अलग करने की जिम्मेदारी दी जाए, वह कह रहा है कि वह इन चीजों को कैसे मैनेज कर सकता है यही कारण है कि राजू श्रीवास्तव को अपने बेटे की सबसे ज्यादा चिंता थी।

हालांकि, फिलहाल राजू श्रीवास्तव की हालत काफी गंभीर है, एम्स के डॉक्टर ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया है दिल का दौरा पड़ने के बाद भी उन्हें आज भी होश नहीं आया है।