अंध होने का नुकसान | टीम पि सी ऍफ़ | पोपटभाई अहीर |

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राजकोट का नेत्रहीन जोड़ा कड़ी मेहनत और धैर्य की बेहतरीन मिसाल है।

आज के युग में व्यक्ति छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर अपने लक्ष्य से भटक रहा है, अपने आसपास के लोगों की बातें सुनकर उदास हो रहा है।

ईवा हाल ही में राजकोट के एक जोड़े की कहानी पर आई है, जो दोनों देख नहीं सकते हैं, फिर भी पैसा कमाकर जीवन यापन करना चाहते हैं। दंपति का मानना ​​है कि लोग चाहे कुछ भी कहें, आदमी को काम करते रहना चाहिए।

राजकोट में रहने वाले जयवंत भाई दोढिया और मनीषा भान दोढिया को वर्ष 2015-16 के दौरान अंधेपन की स्थिति में डाल दिया गया था क्योंकि उनके पास न तो रहने के लिए अच्छी जगह थी और न ही खाने के लिए खाना।

जयवंत भाई के अनुसार एक समय उनके पास एक तौल का कांटा था जिसे वे रात के 1 से 2 बजे तक सड़क पर ले जाते थे ताकि कुछ कमा सकें और भोजन प्राप्त कर सकें। हालांकि इस काम के दौरान कई बार लोगों ने उन्हें घर पर ही रहने की सलाह दी।

इतना ही नहीं जयवंत भाई का कहना है कि अगरबत्ती बांटने के दौरान लोगों ने हाथ में 50 अगरबत्ती का पैकेट पकड़ा और कीमत पूछकर 100 अगरबत्ती का पैकेट लेकर उसके साथ ठगी की. इसे निकालकर लोग उन पर अभद्र टिप्पणी करेंगे।

बात करें वर्तमान समय की।आज भी जयवत भाई राजकोट में नोरिया पेट्रोल पंप के सामने अगरबत्ती बांटने का काम कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि वर्तमान में सूरत के पोपटभाई फाउंडेशन और उनके सहयोगियों द्वारा दंपति को 30,000 रुपये का चेक दिया गया है।

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