भगवान कृष्ण और पांडवों के समय में महाभारत के युद्ध के बारे में आपने कई जगहों पर पढ़ा और सुना होगा लेकिन भगवद गीता में भी आपने महाभारत के युद्ध के दौरान हुए नरसंहार के बारे में पढ़ा होगा. आप सोच रहे होंगे कि क्या ये बातें सच हैं या नहीं।
तो आपके उन्हीं विचारों का उत्तर देने के लिए आज हम महाभारत काल के कुछ अवशेषों के बारे में बात करते हैं जो आज भी इस धरती पर पाए जाते हैं। अगर हम इस युद्ध के मैदान यानि कुरुक्षेत्र की बात करें तो यह हरियाणा में स्थित है। पुरातत्व विभाग के अनुसार उपकरण के अवशेष हैं युद्ध के दौरान इस्तेमाल किया गया हो सकता है पाया गया है।
वहीं बात करते हैं अंगदेश और कर्ण को दिए गए अन्य राज्यों की।दुर्योधन द्वारा कर्ण को दिए गए अंगदेश को आज उत्तर प्रदेश में गौंडा के नाम से जाना जाता है।
उल्लेख नहीं है कि आज हमारी राजधानी जिसे दिल्ली के नाम से जाना जाता है, उस समय इंद्रप्रस्थ नगर था आइए बात करते हैं महाभारत काल के ब्रह्मास्त्र और चक्रव्यू पत्थर के बारे में।
परीक्षण के बाद उन्होंने देखा कि परमाणु बम ब्रह्मास्त्र को उसी प्रभाव से नष्ट करने में सक्षम है, जैसा उस समय नष्ट कर रहा था।
आइए बात करते हैं लक्षगृह और धारका की।वह स्थान जहां पांडवों को जलाने की योजना बनाई गई थी, वह आज भी बरनव नामक स्थान पर पाया जाता है।
वहीं उस समय का द्वारका आज भी गुजरात के पास पाया जाता है, हालांकि यह शहर आज भी पानी में डूबा हुआ है, ऐसा होने के लिए द्वारका पानी में डूबा हुआ था।